Monday, February 20, 2023

देशभर में National School of Drama जैसे कई संस्थान होने चाहिए ?

देशभर में National School of Drama जैसे कई संस्थान होने चाहिए? ।। Indresh Kumar, RSS


   

कला के अनेक पहलू हैं. कला जागरण और संस्कार को बहुत सुंदर और श्रेष्ठ मार्ग है, इसलिए जितने अधिक मंच होंगे और जितने अधिक संस्थान होंगे उतना ही समाज का जागरण करने में और समाज को संस्कार देने में गति आएगी, इसलिए जरूरी है. कला जहां एक प्रोफेशन हैं वहां एक डेडिकेशन भी हैं, जहां वो एक डेडिकेशन हैं वहां वो एक मिशन भी है. कला का गुण और सदगुण दोनों आदमी पर निर्भर करता है, आदमी विकार भी ले सकता है संस्कार भी ले सकता है. मुझे लगता है कला को जीना और कलात्मक जीना ये आदमी की बहुत बड़ी विशेषता है. कला को सम्मान दिया जाना चाहिए, कलाकारों को स्थान दिया जाना चाहिए. जितने भी प्रकार से और जैसे-जैसे भी कला के विकास और प्रकटीकरण में सरकारें और गैर-सरकारें जैसी भी काम कर सकती है वो किया जाना चाहिए.

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